जय गौ माता
एक चलता फिरता मंदिर है गाय :
By वनिता कासनियां पंजाब,
गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिए हैं। गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जाकर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं।
गर्व से कहो गाय हमारी माता है,
और हम उसके अटूट सहारा हैं,
हम उसके अटूट सहारा हैं ||
वाह-री-वाह गईया देख तू अपना नसीब!
तू है यहाँ लोगों के ह्रदय के कितने करीब!!
जय गौ माता
दाने चुन-चुन के चटोरे खा गए,
तेरे हिस्से में हरे छिलके आ गए!!
गौ-हत्या के गा के नग़मे यहाँ,
कितने बे-नाम, नाम कमा गए!!
दान-धर्म के नाम पे तुझे हतिया गए,
ले जाके कट्टी-खानों में लटका गए!!
देख कितने बेशर्म है तुझे पूजने वाले,
तेरे नसीब का जो चारा भी पचा गए!!
जय गौ माता
बड़े बुज़ुर्ग पुरानी परम्परा निभा गए,
गाय हमारी माँ है ये पाठ सिखा गए!!
मगर इंसान की खाल में कुछ भेड़िये,
माँस की वासना में गौ-माँस ही खा गए!!
ग्वाला दूध दुह चुका था
और अब थन को,
बूंद- बूंद निचोड़ रहा था.
उधर खूंटे से बंधा बछड़ा
भूख से बिलबिला रहा था.
जय गौ माता
By वनिता कासनियां पंजाब🙏🙏🐃🐂🐄
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