जय श्री राम
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5 साल का बच्चा :- माँ प्यार और लव मैं क्या फर्क है।
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माँ:- मैँ तुम से जो करती हूँ वो प्यार है
और तुम जिस से करोगे वो लव होगा।
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माँ:- बेटा वादा करो तुम मेरा साथ
कभी नहीं छोडोगे।
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बच्चा:- वादा रहा माँ कभी नहीं छोडूंगा।
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15 साल बाद।
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गर्ल:- मैं तुम्हारे लिए अपना घर माँ-बाप
सब को छोड कर आई हूँ प्रॉमिस करो
मेरा साथ कभी नही छोडोगे।
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लडका:- प्रॉमिस कभी नहीं।
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सब ठीक था फिर एक दिन।
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डाक्टर:- तुम्हारी माँ और पत्नी दोनो की किडनी फेल हो
गई हैं ।
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आप को किसी एक को किडनी डोनेट करनी होगी और
एक का साथ छोडना होगा।
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कुछ समय बाद।
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माँ:- डाक्टर मुझे किडनी किस ने दी।
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डाक्टर:- आप के बेटे ने।
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गर्ल:- डाक्टर मुझे किडनी
किस ने दी।
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डॉक्टर:- आप के पति ने।
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वो लडका मर गया ।
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डाक्टर :- ये चिठ्ठी आप के बेटे ने आप के लिए छोडी है।
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माँ मुझे माफ कर देना
तूने मुझे जिंदगी दी है तो मै तुझे कैसे कुछ होने देता
वो लडकी मेरे लिए अपना सब कुछ छोड कर आई थी उस को
कैसे कुछ होने देता ।
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माँ तुझे कुछ हो जाता तो मै जीते-जी
मर जाता और उस लडकी को कुछ हो जाता तो मै खुद को कभी माफ
नहीं कर पाता।
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मैंने आप दोनो से किया वादा पूरा करा।
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लव:- मै तुम्हें एक नयी
जिन्दगी
दे कर जा रहा हूं क्योंकि मैं तुम से बहुत लव करता हूँ।
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प्यार:- माँ जब भी तू आएगी मेरी कब्र पर मेरा हाल
जानने तो अंदर से एक ही अवाज
आएगी
आज भी तेरा प्यार जिंदा
है..।
बाल वनिता महिला आश्रम
#विजया_एकादशी_व्रत_कथा
#27फरवरी2022रविवार
शास्त्रों के अनुसार अगर कोई इंसान व्रत नहीं कर पाता है और वह उस व्रत की कथा को सुन लेता है तो उसे उस व्रत का पुण्य प्राप्त होता है। तो दोस्तों आज हम सुननें वाले है विजया एकादशी व्रत की कथा जो कि व्रत करने वाले को और कथा सुननें वाले को शत्रु से विजय दिलाती है। तो आइए सुनते है विजया एकादशी व्रत की कथा।
पौराणिक कथा के अनुसार, रामायण काल में जब भगवान श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण सहित वनवास काट रहे थे। तब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था। जिससे भगवान श्रीराम और उनके अनुज लक्ष्मण बहुत ही चिंतित हो गए थे। फिर उनकी मुलाकात, हनुमान जी की मदद से सुग्रीव से हुई और वे वानर सेना की मदद से रावण की लंका पर चढ़ाई करने के लिए विशाल समुद्र के तट पर पहुंचे। लेकिन लंका पर चढ़ाई कैसे की जाए क्योंकि उनके सामने विशाल समुद्र जैसी चुनौती थी। उनको कुछ उपाय नहीं सूझ रहा था। अंत में उन्होंने समुद्र से ही लंका पर चढ़ाई करने के लिए मार्ग मांगा, लेकिन वे असफल रहे।
फिर उन्होंने ऋषि-मुनियों से इसका उपाय पूछा। तब उन्होंने श्रीराम को अपनी वानर सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत करने का उपाय बताया। ऋषि-मुनियों ने बताया कि किसी भी शुभ कार्य की सिद्धि के लिए व्रत करने का विधान है। ऋषि-मुनियों की बातें सुनकर भगवान श्रीराम ने फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वानर सेना के साथ विजया एकादशी व्रत किया और विधि विधान से पूजा की।
शास्त्रों के अनुसार विजया एकादशी व्रत के प्रभाव से ही उनको समुद्र से लंका जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। विजया एकादशी व्रत के पुण्य से श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की। तब से ही विजया एकादशी व्रत का महत्व और बढ़ गया। आम जनमास में विजया एकादशी व्रत प्रसिद्ध हो गया। लोग अपने किसी कार्य की सफलता के लिए विजया एकादशी व्रत करने लगे।
राधे राधे
🌹🙏🌹 #ॐ_नमो_नारायण 🌹🙏🌹
🙏 अटूट ख़ज़ाना 🙏
ग्राहक ने दुकान में दाख़िल होकर दुकानदार से पूछा: केलों का क्या भाव लगाया है?
दुकानदार ने जवाब दिया: केले 12 रुपिया और सेब 10 रुपिया।
इतने में एक औरत भी दुकान में आयी और कहा: मुझे एक किलो केले चाहिए, क्या भाव है? दुकानदार ने कहा: केले 3 रुपिया और सेब 2 रुपिया। औरत ने उसे देने को कहा
दुकान में पहले से मौजूद ग्राहक ने खा जाने वाली ग़ज़ब नज़रों से दुकानदार को देखा, इससे पहले कि कुछ ऑल फॉल कहता, दुकानदार ने ग्राहक को इशारा करते हुए थोड़ा इंतजार करने को कहा।
औरत खरीदारी करके खुशी खुशी दुकान से निकलते हुए बड़बड़ाई परमात्मा तेरा शुक्र है, मेरे बच्चे उन्हें खाकर बहुत खुश होंगे।
औरत के जाने के बाद, दुकानदार ने पहले से मौजूद ग्राहक की तरफ देखते हुए कहा: गवाह है, मैंने तुझे कोई धोखा देने की कोशिश नहीं की।
यह महिला चार अनाथ बच्चों की मां है। किसी से भी किसी तरह की मदद लेने को तैयार नहीं है। मैंने कई बार कोशिश की है और हर बार नाकामी हुई है। अब मुझे यही तरीका सूझा है कि जब कभी ये आए तो उसे कम से कम दाम लगाकर कुछ चीज़ देदूँ। मैं चाहता हूँ कि उसका भरम बना रहे और उसे लगे कि वह किसी की मोहताज नहीं है। मैं यह पूजा भगवान के बन्दो की करता हूँ
दुकानदार बोला: यह औरत हफ्ते में एक बार आती है। भगवान गवाह है जिस दिन यह आ जाए, उस दिन मेरी बिक्री बढ़ जाती है औरउस दिन परमात्मा के अटूट खजाने से बहुत मुनाफ़ा होता है।
ग्राहक की आंखों में आंसू आ गए, उसने बढ़कर दुकानदार से कहा:
आम लोगों की जरूरतों को पूरा करने में जो लज़्ज़त मिलती है